Wednesday, April 13, 2022

Sagar News Video: सागर में संस्कृत स्कूल के बटुकों का उपनयन संस्कार, शहर में भिक्षा मांगी फिर मिला गुरुमंत्र


सागर: बामन अवतार और राजा बली की कथा शायद ही किसी को पता न हो। जब भगवान ने दो पग में त्रिलोक नाप लिया और तीसरे पग के लिए स्थान न रहा। ऐसे में राजा बलि ने तीसरे पग को अपने सिर पर धारण किया था। ऐसा ही दृश्य सागर में दिखाई दिया जब बटुक ब्राह्मण यज्ञाेपवित के बाद सड़कों पर भिक्षाटन के लिए निकले। लोगों ने भी अभिभूत होकर दान किया। गोपाल गंज में स्थित संस्कृत पाठशाला में हर साल गुरुकुल में यह आयोजन होता है।

जनेऊ को उपवीत, यज्ञसूत्र, व्रतबन्ध, बलबन्ध, मोनीबन्ध और ब्रह्मसूत्र के नाम से भी जाना जाता है। यहां बता दें कि तिथियों के अनुसार प्रतिवर्ष चैत्र शुक्ल पक्ष की द्वादशी को ही यगोपवीत संस्कार ऋषि परंपरा अनुसार संपन्न किया जाता है। ऋषि कुल संस्कृत विद्यालय में यह यज्ञोपवित संस्कार मुख्य आचार्य पंडित श्रीराम शुक्ला शास्त्री के सानिध्य में संपन्न हुआ।


via WORLD NEWS

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