दुनिया के 30 सबसे प्रदूषित शहरों में 21 भारत के हैं। अपने देश में साल 2019 में अकेले वायु प्रदूषण से 17 लाख लोगों की मौत हुई। यह किसी से छिपा नहीं है कि कोरोना वायरस जब श्वास-तंत्र पर कब्जा जमाता है तो रोगी की मृत्यु की आशंका बढ़ जाती है। जिन शहरों के लोगों के फेफड़े वायु प्रदूषण से जितने कमजोर है, वहां कोविड का हमला उतना ही संहारक रूप लेता दिख रहा है। यह ध्यान रखना भी जरूरी है कि कि जैसे-जैसे तापमान बढ़ेगा, दिल्ली-एनसीआर और आसपास के तमाम इलाकों में सांस के रोगी तो बढ़ेंगे ही, कोरोना का कहर भी बढ़ने के पूरे आसार हैं।
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