कोरोना महामारी की दूसरी लहर से बचाव के लिए प्रयास जारी हैं। इस दौरान केंद्र और राज्यों के बीच संबंधों को लेकर एक बार फिर से बहस शुरू हो गई है। सवाल उठा कि इलाज के लिए संसाधनों की आपूर्ति और टीके की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए किसके पास कितने अधिकार हैं। बहस की शुरुआत यहीं से हुई। अब मामला अदालतों तक पहुंचा है। कई राज्य, खासकर विपक्षी दलों के शासन वाले राज्य कोरोना की दूसरी लहर के लिए केंद्र सरकार की लापरवाही को दोषी ठहरा रहे हैं, तो केंद्र सरकार स्वास्थ्य को राज्य सरकार का मसला बताकर उन पर थोप रही है।
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