Saturday, March 20, 2021

यूपी-बिहार से रोजी-रोटी के लिए बंगाल आए, रोज अपमान...ममता पर भरोसा क्यों नहीं?


पश्चिम बंगाल के रहने वाले कैब ड्राइवर ने नाम ना लिखने की शर्त पर कई अहम बातें स्पष्ट की हैं। वह कहते हैं, 'मैं मूल रूप से बिहार के मोतिहारी का रहने वाला हूं। लगभग 22 वर्षों से मैं यहां रह रहा हूं। यहां बहुत भेदभाव होता है। हम भी लाइन में खड़े रहते हैं, मूल रूप से बंगाल के रहने वाले लोग जो टीएमसी में हैं वो भी कतार में खड़े होते हैं। हमें उन सहूलियतों का फायदा नहीं मिलता जबकि पार्टी से जुड़े लोगों को प्रमुखता दी जाती है। कई बार तो हमारी बोली सुनकर ही हमें बुरा-भला कह दिया जाता है। इस दफे ड्राइवर, रिक्शावाले, दिहाड़ी मजदूर टीएमसी के साथ नहीं जा रहे हैं। हमने अब नया विकल्प चुनने का मन बनाया है।'


via WORLD NEWS

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