Saturday, February 16, 2019

'शहीदों के शरीर के टुकड़े उठाना था भयावह'


राजस्थान के सीकर निवासी राजकुमार झाझरिया भी काफिले की एक बस चला रहे थे। उनके लिए हमले के बाद के उस पल को भूलना नामुमकिन है जब उन्होंने अपने साथियों के शरीर के टुकड़े यहां-वहां बिखरे देखे थे। via WORLD NEWS The Navbharattimes

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