Tuesday, January 15, 2019

उत्तराखंड के 'वृक्षमानव' ने प्रकृति को समर्पित किया जीवन, लगाए 50 लाख ज्यादा पेड़


विश्वेश्वर दत्त सकलानी जो अपनी उम्र के अंतिम पड़ाव पर है. आंखों की रोशनी अब जा चुकी है, लेकिन जबान से लड़खड़ाते हुए केवल यही शब्द निकलते है. वृक्ष मेरे माता-पिता हैं, मेरी संतान हैं, वृक्ष मेरे सगे साथी हैं.   via WORLD NEWS Zee News Hindi: India News

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