Sunday, November 21, 2021

Lockdown and vaccine mandates divide Austrians as cases soar.


World New York TimesBy BY MELISSA EDDY Via NYT To WORLD NEWS

Review: ‘The Alchemist,’ a Play in Search of Comedy Gold


Theater New York TimesBy BY ELISABETH VINCENTELLI Via NYT To WORLD NEWS

The Very Idea!


Crosswords & Games New York TimesBy BY RACHEL FABI Via NYT To WORLD NEWS

With Another Loss, the Jets Look for Silver Linings


Sports New York TimesBy BY DEVIN GORDON AND DIANTE LEE Via NYT To WORLD NEWS

The Nets Are Winning, but They Still Have a Lot to Figure Out


Sports New York TimesBy BY TANIA GANGULI Via NYT To WORLD NEWS

Video of Peng Shuai With Olympic Officials Fuels a Showdown With Tennis


Sports New York TimesBy BY MATTHEW FUTTERMAN Via NYT To WORLD NEWS

Two of 17 Kidnapped Missionaries in Haiti Are Freed, Group Says


World New York TimesBy BY MARIA ABI-HABIB AND OSCAR LOPEZ Via NYT To WORLD NEWS

Your Monday Briefing


Briefing New York TimesBy BY MATTHEW CULLEN Via NYT To WORLD NEWS

To Paramilitary Groups, Rittenhouse Verdict Means Vindication


U.S. New York TimesBy BY CHARLES HOMANS Via NYT To WORLD NEWS

Powell or Brainard? Why Biden’s Pick to Lead the Fed Matters Now


Opinion New York TimesBy BY SARAH BINDER AND MARK SPINDEL Via NYT To WORLD NEWS

Britain will review racial bias in medical devices.


World New York TimesBy BY ISABELLA KWAI Via NYT To WORLD NEWS

Covid-19 surge strains Michigan’s hospitals.


World New York TimesBy BY VIMAL PATEL Via NYT To WORLD NEWS

Review: The Met Opera’s Next ‘Ring’ Will Be a Sea Change


Arts New York TimesBy BY ZACHARY WOOLFE Via NYT To WORLD NEWS

Covid-19 surge strains Michigan’s hospitals.


World New York TimesBy BY VIMAL PATEL Via NYT To WORLD NEWS

'छठी मैया की वजह से वापस अपने घर जा पा रहा हूं, अगली बार नाइजीरिया में ही करूंगा छठ', जेल से रिहा हुए नाइजीरिया बंदी

संदीप कुमार, मुजफ्फरपुर मुजफ्फरपुर के शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय जेल में छठ पूजा कर चर्चा में आये नाइजीरियन बन्दियों को वतन भेजने की तैयारी शुरू हो गई है।विदेशी अधिनियम उल्लंघन मामले में दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। अब हाई कोर्ट के आदेश पर दोनों को रिहा कर नाइजीरिया भेजा जा रहा है। जेल से रिहा होने वाले नाइजीरिय बंदी सोलोमोन अलीग्वियू और युगवुम सिनाची ओनिया को हाई कोर्ट के आदेश पर रिहा किया गया है। दोनों तीन साल पहले सीतामढ़ी में विदेशी अधिनियम उल्लंघन मामले में पकड़े गए थे। इसके बाद इन्हें कोर्ट के आदेश पर विदेशी अधिनियम के तहत सीतामढ़ी जेल में बंद कर दिया गया था। कुछ माह पूर्व दोनों को शिफ्ट करके मुजफ्फरपुर जेल भेजा गया था। यहां पर इस साल हुए छठ पर्व पर युगवुम सिनाची ओनिया ने जेल में ही छठ व्रत कर सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा था। जेल से रिहा होने के बाद भेजा गया था दिल्ली इसी के बाद हाई कोर्ट ने इन दोनों को रिहा करने का आदेश दिया। कागज़ी कार्रवाई पूरी करने के बाद दोनों को जेल से रिहा किया गया। जेल से रिहा होने के बाद दोनों को दिल्ली दूतावास भेजा गया था। लेकिन, वहां से ये कहकर लौटा दिया गया कि विदेशी नागरिकों से जुड़े ऑफिस कोलकाता और लखनऊ में हैं। वहीं जाने की सलाह दी गयी। शनिवार रात दोनों फिर मुजफ्फरपुर पहुंचे। सवालों की टूटी-फूटी हिंदी में दिया जवाब रविवार को भी दोनों टाउन थाना पर हैं। यहां से कोलकाता स्थित विदेशी नागरिक के कार्यालय भेजने की कवायद की जा रही है। टाउन थाना पर जब इनसे कुछ पुलिसकर्मियों ने हिंदी में बात की तो दोनों ने जवाब भी हिंदी में दिया। कॉपी पर हिंदी में लिखकर भी दिखाया। यह देखकर सभी पुलिसकर्मी आश्चर्यचकित रह गए। बहुत स्पष्ट हिंदी तो नहीं बोल पाते हैं। लेकिन, टूटी फूटी बोल लेते हैं। लेकिन, सबकुछ समझ में आता है। नाइजीरिया में पॉल्ट्री फॉर्म चलाते थे दोनों दोनों ने बताया कि "अपने देश में पॉल्ट्री फॉर्म चलाते थे। जिसमें चिकन और सुअर पालते थे। तीन साल पहले भटककर आ गए थे। इसके बाद जेल पहुंच गए। इस साल पूरी आस्था के साथ छठ किया था और छठी मैया से मांगा कि वापस नाइजीरिया अपने घर जा सके। छठी मैया की कृपा से अब वतन वापसी हो पा रही है, यह बात सोचकर काफी खुशी हो रही है। अब अगले साल नाइजीरिया में छठ करेंगे।" वहीं जेल अधीक्षक ने कहा कि दोनों को शीघ्र वतन भेज दिया जाएगा।

75 साल में जितना आगे बढ़ना चाहिए था, हम उतना नहीं बढ़े... मोहन भागवत ने बताया कारण

नई दिल्ली राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक ने सोमवार को कहा कि आजादी के बाद देश को जितना आगे बढ़ना चाहिए था, उतना आगे नहीं बढ़ पाया। भागवत ने कहा, ''देश को आगे ले जाने की दिशा में आगे चलेंगे तो हम आगे बढ़ेंगे और 15-20 वर्ष में जरूर अपेक्षित विकास होगा।'' वह यहां विज्ञान भवन में आयोजित ‘संत ईश्वर सम्मान 2021’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। भागवत ने कहा, ''आजादी के बाद 75 वर्ष में जितना आगे बढ़ना चाहिए था, उतना आगे हम नहीं बढ़ पाए। जिस दिशा में देश को आगे ले जाना चाहिए था, उस दिशा में और उस रास्ते पर नहीं चले, इसलिए नहीं बढ़ पाए।'' उन्होंने कहा कि भारत ने आदिकाल से पूरी दुनिया को सुसंस्कृत बनाने का काम किया और ''भारत का इरादा कभी किसी को जीतने का नहीं रहा तथा न ही किसी को बदलने का रहा।'' सरसंघचालक ने कहा, ''जब हम सहोदर भाव के साथ काम करेंगे तब 15-20 वर्षो में देश का पूरा विकास हो जाएगा।'' इस दौरान उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हुए कहा, ''दुनिया के सभी देशों में मिलाकर अब तक जितने महापुरुष हुए होंगे, उतने हमारे देश में बीते 200 वर्षों में हो गए तथा इनमें से प्रत्येक का जीवन हम सभी के लिए राह उजागर करता है।'' समारोह को संबोधित करते हुए जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर देश में जनजातीय गौरव दिवस मनाने का निर्णय देश के संपूर्ण विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा। समारोह में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और अश्विनी कुमार चौबे भी मौजूद थे।