Monday, December 21, 2020

The Pandemic’s Inhuman Demands


Opinion New York TimesBy BY MICHELLE GOLDBERG Via NYT To WORLD NEWS

Congress Rushes to Pass Huge Coronavirus Relief Bill


U.S. New York TimesBy BY EMILY COCHRANE Via NYT To WORLD NEWS

The Ghost of Sabotage Future


Opinion New York TimesBy BY PAUL KRUGMAN Via NYT To WORLD NEWS

2 Passengers and a Dog Slide Out of Moving Plane at La Guardia


New York New York TimesBy BY ED SHANAHAN Via NYT To WORLD NEWS

Relief Deal Would Give Small Businesses a Shot at a Second Loan


Business New York TimesBy BY STACY COWLEY Via NYT To WORLD NEWS

The U.K. Coronavirus Variant: What We Know


Health New York TimesBy BY CARL ZIMMER AND BENEDICT CAREY Via NYT To WORLD NEWS

For U.K., an Early Taste of Brexit as Borders Are Sealed


World New York TimesBy BY BENJAMIN MUELLER AND ISABELLA KWAI Via NYT To WORLD NEWS

2 Passengers and a Dog Slide Out of Moving Plane at La Guardia


New York New York TimesBy BY ED SHANAHAN Via NYT To WORLD NEWS

The Morning


Briefing New York TimesBy Unknown Author Via NYT To WORLD NEWS

Google Denies Antitrust Claims in Early Response to U.S. Lawsuit


Technology New York TimesBy BY DAVID MCCABE Via NYT To WORLD NEWS

Senate Candidates Duel in Georgia as G.O.P. Voters’ Anger Persists


U.S. New York TimesBy BY ASTEAD W. HERNDON AND RICK ROJAS Via NYT To WORLD NEWS

Coronavirus Briefing: What Happened Today


U.S. New York TimesBy BY AMELIA NIERENBERG Via NYT To WORLD NEWS

Relief Deal Would Give Small Businesses a Shot at a Second Loan


Business New York TimesBy BY STACY COWLEY Via NYT To WORLD NEWS

The U.K. Coronavirus Variant: What We Know


Health New York TimesBy BY CARL ZIMMER AND BENEDICT CAREY Via NYT To WORLD NEWS

For U.K., an Early Taste of Brexit as Borders Are Sealed


World New York TimesBy BY BENJAMIN MUELLER AND ISABELLA KWAI Via NYT To WORLD NEWS

सरकार से बात करनी है या नहीं? किसान संगठन आज ले सकते हैं फैसला

नई दिल्ली नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) को लेकर केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच गतिरोध जारी है। सरकार ने पत्र लिखकर किसानों को एकबार फिर बातचीत के लिए आमंत्रित किया है और अपनी पसंद की तारीख बताने को कहा है। ऐसे में आज किसान संगठनों की एक बैठक होने वाली है जिसमें सरकार के प्रस्ताव को लेकर अहम फैसला लिया जा सकता है। सरकार से बात करनी है या नहीं? आज हो सकता है फैसला केंद्र सरकार ने 40 किसान संगठनों को संबोधित करते हुए एक पत्र लिखा था और उन्हें बातचीत के लिए आमंत्रित किया था। सरकार ने यह भी कहा था किसान संगठन अपनी पसंद से कोई भी तारीख चुन सकते हैं। ऐसे में इस बात की उम्मीद जताई जा रही है कि किसान संगठनों की आज की बैठक में केंद्र सरकार के प्रस्ताव को लेकर कोई फैसला लिया जा सकता है। 'सरकार के पत्र में कुछ भी नया नहीं, केंद्र को पेश करना होगा ठोस समाधान' किसान नेताओं ने सोमवार को कहा कि अगर सरकार ‘ठोस समाधान’ पेश करती है तो वे हमेशा बातचीत के लिए तैयार हैं लेकिन दावा किया कि वार्ता के लिए अगली तारीख के संबंध में केंद्र के पत्र में कुछ भी नया नहीं है। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि वह नए कृषि कानूनों में संशोधन के पूर्व के प्रस्ताव पर बात करना चाहती है। सरकार को समर्थन देने वाले किसानों से भी करेंगे मुलाकात भारतीय किसान यूनियन (टिकैत गुट) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि हम सरकार को समर्थन देने वाले किसान संगठनों से मुलाकात करेंगे। हम उनसे यह जानेंगे कि उन्हें नए कृषि कानूनों में क्या फायदा नजर आ रहा है, साथ ही पूछेंगे कि अपनी फसलें बेचने के लिए कौनसी टेक्नॉलजी इस्तेमाल कर रहे हैं। किसानों की क्रमिक भूख हड़ताल जारी कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर हरियाणा और उत्तरप्रदेश से लगी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर किसान ने क्रमिक भूख हड़ताल कर रहे हैं। क्रांतिकारी किसान यूनियन के गुरमीत सिंह ने कहा कि किसान नेताओं के अगले कदम के लिए मंगलवार को बैठक करने की संभावना है। किसान संगठन बिहार जैसे दूसरे राज्यों के किसानों से भी समर्थन लेने का प्रयास कर रहे हैं। संयुक्त मोर्चा ने सोमवार से 11-11 किसानों की क्रमिक भूख हड़ताल और 25 से 27 दिसंबर तक हरियाणा-पंजाब मार्ग में टोल मुक्ति का ऐलान कर आंदोलन अभी जारी रखा है। सरकार और किसान संगठनों के बीच अबतक 5 दौर की बातचीत सरकार और किसान संगठनों के बीच अबतक 5 दौर की बातचीत हुई है जो बेनतीजा रही है। पांचवें दौर की बातचीत के बाद 9 दिसंबर को वार्ता स्थगित हो गई थी क्योंकि किसान यूनियनों ने कानूनों में संशोधन और न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी रखने का लिखित आश्वासन दिए जाने के केंद्र के प्रस्ताव को मानने से इनकार कर दिया था। 4 हफ्ते से दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर डटे हैं किसान दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर हजारों की संख्या में किसान कड़ाके की सर्दी में पिछले करीब चार सप्ताह से प्रदर्शन कर रहे हैं और नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। इनमें ज्यादातर किसान पंजाब और हरियाणा से हैं। किसान संगठनों का साफ कहना है कि वे चाहते हैं कि केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले जबकि सरकार इसे वापस लेने को तैयार नहीं हैं।