Tuesday, December 15, 2020

कोरोना वैक्सीन कब तक, कहां रखेंगे, साइड इफेक्ट का खतरा भी... सरकार ने बताया सब

कोरोना वैक्सीन पर भारत की तैयारियां जोरों पर है। 12 दिसंबर को ही वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं। उधर, डीजीसीआई तीन अलग-अलग कंपनियों की अपनी-अपनी वैक्सीन के इमर्जेंसी यूज की मंजूरी वाले आवेदन पर विचार कर रही है। इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट की आशंकाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है। आइए कोविड-19 महामारी के खिलाफ टीकाकरण अभियान को लेकर भारत की तैयारियों का जायजा लें...

Covid Vaccine India News : भारत में जहां कोरोना केस लगातार घट रहे हैं, वहीं इसके खिलाफ देश-विदेश में तैयार हो रही वैक्सीन से जल्द टीकाकरण अभियान शुरू होने की उम्मीद है। इस बीच केंद्र सरकार यह चेतावनी भी दे रही है कि किसी प्रकार की ढिलाई कोरना की अगली लहर को आमंत्रित कर सकती है।


Corona Vaccine News : कोविड-19 महामारी के खिलाफ टीकाकरण अभियान को लेकर कहां पहुंची भारत की तैयारी, जानें

कोरोना वैक्सीन पर भारत की तैयारियां जोरों पर है। 12 दिसंबर को ही वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं। उधर, डीजीसीआई तीन अलग-अलग कंपनियों की अपनी-अपनी वैक्सीन के इमर्जेंसी यूज की मंजूरी वाले आवेदन पर विचार कर रही है। इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट की आशंकाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है। आइए कोविड-19 महामारी के खिलाफ टीकाकरण अभियान को लेकर भारत की तैयारियों का जायजा लें...



​इमर्जेंसी यूज की मंजूरी देने से पहले तीन कंपनियों से मांगी गई और जानकारियां
​इमर्जेंसी यूज की मंजूरी देने से पहले तीन कंपनियों से मांगी गई और जानकारियां

भारत बायोटेक, सीरम इंस्टिट्यूट और फाइजर अपनी-अपनी कोरोना वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की मंजूरी का आवेदन दे चुकी हैं। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) इन तीनों कंपनियों को यह मंजूरी देने से पहले वैक्सीन से जुड़े और आंकड़े की मांग की है। हालांकि, सरकार का कहना है कि इससे टीकाकरण अभियान शुरू करने में देरी नहीं होगी। उन्होंने बताया कि पुणे की कंपनी जिनोवा बायोफार्मास्युटिकल्स लि. ने अमेरिकी कंपनी एचडीटी के साथ विकसित किए गए कोविड वैक्सीन के पहले और दूसरे चरण के ट्रायल को डीजीसीए से मंजूरी मिल गई है। इस वैक्सीन की बड़ी बात यह है कि इसे किसी सामान्य से फ्रीज में रखा जा सकता है। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉक्टर वी. के. पॉल ने बताया कि अभी छह देसी कोरोना वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है। उन्होंने कहा कि आगे कुछ और वैक्सीन कैंडिडेट्स के ट्रायल की मंजूरी मिल सकती है।



​कोविड टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रभाव की आशंका से इनकार नहीं
​कोविड टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रभाव की आशंका से इनकार नहीं

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कोरोना वैक्सीनेशन के बाद उसके प्रतिकूल प्रभावों और घटनाओं के सामने आने के विषय पर चेतावनी देते हुए कहा कि इस तरह के प्रतिकूल प्रभाव मुख्य रूप से टीकाकरण के बाद बच्चों और गर्भवती महिलाओं में देखे गए हैं। ऐसे में कोविड-19 टीकाकरण शुरू करने बाद एक प्रतिकूल घटना की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। भूषण ने अपनी बात रखते हुए अंतर्राष्ट्रीय मामलों का भी हवाला दिया और कहा कि भारत कोविड-19 के लिए टीकाकरण शुरू होने पर प्रतिकूल घटनाओं की संभावनाओं से इनकार नहीं कर सकता।

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​कोरोना टीका भंडारण के लिए तैयारियों में जुटा भारत
​कोरोना टीका भंडारण के लिए तैयारियों में जुटा भारत

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस के टीके के भंडारण के लिए 29,000 ‘कोल्ड चेन’, 41,000 ‘डीप फ्रीजर’ और 300 ‘सोलर रेफ्रीजरेटर’ सहित अन्य उपकरणों का इस्तेमाल किया जाएगा। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में ‘कोल्ड-चेन’ प्रबंधन के बारे में विवरण पेश किया। उन्होंने कहा कि बिजली और बिना बिजली वाले ‘कोल्ड चेन’ उपकरणों के आकलन आदि के संबंध में केंद्र द्वारा राज्यों को दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। भूषण ने कहा, "कुल 29,000 ‘कोल्ड चेन’, 240 ‘वॉक-इन कूलर’, 70 ‘वॉक-इन फ्रीजर’, 45,000 ‘रेफ्रिजरेटर’, 41,000 ‘डीप फ्रीजर’ और 300 ‘सोलर रेफ्रिजरेटर’ इस्तेमाल किए जाएंगे।"

उन्होंने बताया कि ये सभी उपकरण पहले ही राज्यों को वितरित किए जा चुके हैं। इसके साथ ही कुछ अन्य उपकरण भी राज्यों को दिए जा रहे हैं। उन्होंने तैयारियों के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने राज्य संचालन समितियों और राज्य कार्य बल की बैठकें की हैं वहीं 633 जिलों ने इस संबंध में जिला कार्य बल की बैठकें की हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्यों में 23 मंत्रालयों और विभागों की पहचान की गई है और उन्हें टीकाकरण कार्यक्रम के लिए नियोजन, कार्यान्वयन, जागरूकता सहित विभिन्न भूमिकाएं सौंपी गई हैं।



​सामूहिक टीकाकरण अभियान के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी
​सामूहिक टीकाकरण अभियान के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी

कोविड से लड़ने के लिए सरकार ने बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान चलाने के लिए जरूरी विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। इसमें रोजाना प्रत्येक सत्र में 100 से 200 लोगों का टीकाकरण करने से लेकर, कोई प्रतिकूल असर न हो इसके लिए टीकाकरण के बाद 30 मिनट तक निगरानी करने, लाभार्थियों को ट्रैक करने के लिए कोविड वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क के उपयोग जैसे तमाम निर्देश शामिल हैं। यह वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की अनुमति मिलते ही टीकाकरण अभियान शुरू हो जाएगा। स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में कोविड-19 वैक्सीन के बड़े पैमाने पर टीकाकरण के पहले चरण के लिए 30 करोड़ भारतीय आबादी को चिह्नित किया है। इसमें 1 करोड़ हेल्थकेयर वर्कर्स, 2 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स और 27 करोड़ ऐसे आम लोग हैं जो विशेषज्ञ समूह द्वारा तय किए गए प्राथमिकता वाले समूहों में आते हैं।

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​स्वास्थ्य मंत्रालय सरकार ने कहा, कोविड-19 मामलों में आई कमी
​स्वास्थ्य मंत्रालय सरकार ने कहा, कोविड-19 मामलों में आई कमी

केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि देश में कोविड-19 के नए मामलों और संक्रमण से होने वाली मौतों में कमी आई है जो अच्छी खबर है। साथ ही, उसने किसी भी प्रकार की ढिलाई के खिलाफ आगाह किया। सरकार ने चेताया कि देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा अभी भी संक्रमण के प्रति ‘अतिसंवेदनशील’ है और हालात कभी भी बिगड़ सकते हैं। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉक्टर वी. के. पॉल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ऐसे में जबकि पूरी दुनिया में, खास तौर से अमेरिका और यूरोप में, कोविड-19 के मामले और संक्रमण से होने वाली मौतें बढ़ रही हैं, दुनिया में स्थिति चिंताजनक हो गई है। इसके विपरीत भारत में हालात संतोषजनक हैं, संक्रमण के नए मामलों और उससे होने वाली मौतों की संख्या में कमी आ रही है।



ढिलाई पर चेतावनी
ढिलाई पर चेतावनी

किसी भी तरह की ढिलाई के प्रति आगाह करते हुए डॉ. पॉल ने कहा, ‘‘मृत्यु दर घट रही है और यह प्रति दिन 400 से कम रह गयी है। नये मामले भी घटकर एक दिन में करीब 22,000 रह गए हैं। ऐसी संख्या हमने जुलाई में देखी थी। इसलिए यह बेहतर स्थिति है। देश के रूप में हम बेहतर कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम जीवन रक्षा कर रहे हैं लेकिन याद रखें कि इसे हल्के में ना लें। देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा अभी भी संक्रमण के प्रति ‘अतिसंवेदनशील’ है। हालात कभी भी बिगड़ सकते हैं।’’ पॉल ने कहा कि वैश्विक स्थिति को देखते हुए भारत में दूसरी या तीसरी लहर शुरू हो सकती है। हालांकि, ठोस अनुमान लगा पाना कठिन है। पॉल ने उत्तराखंड, नगालैंड और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में कोविड-19 की स्थिति पर चिंता जताई।



​देश में अब तक 94 लाख से ज्यादा कोरोना केस
​देश में अब तक 94 लाख से ज्यादा कोरोना केस

देश में 94 लाख से ज्यादा कोरोना केस सामने आ चुके हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि देश में कोविड-19 का पता लगाने के लिए अब तक 15.55 करोड़ से ज्यादा नमूनों की जांच की गई है। देश में लोगों के संक्रमित होने की औसत दर घटकर 6.37 रह गई है, वहीं रोजाना की संक्रमण दर पिछले सप्ताह घटकर मात्र 3 प्रतिशत रह गई। भूषण ने कहा, भारत में संक्रमण से होने वाली मौतों की दर भी दुनिया में सबसे कम है। वर्तमान में भारत में मृत्यु दर 1.45 प्रतिशत है जबकि इसकी वैश्विक दर 2.26 है।



ये कैसी शराबबंदी, महाराष्ट्र और गोवा से ज्यादा बिहार के पुरुष छलकाते हैं जाम

नई दिल्ली बिहार के पुरुष छककर जमा छलकाते हैं। आप चौंक गए होंगे। बिहार में भले ही शराबबंदी हो लेकिन 2019-20 के आंकड़े यही बता रहे हैं। शराब पीने के मामले में तेलंगाना गोवा से आगे है। जहां तक तंबाकू के सेवन की बात है तो यहां उत्तरपूर्व के राज्य यहां टॉप पर हैं। कश्मीर, गुजरात के पुरुष सबसे कम पीते हैं सर्वे के मुताबिक, शराब पीने के मामले में महाराष्ट्र के पुरुष देश में तीसरे नंबर पर हैं। कर्नाटक के पुरुष सबसे ज्यादा पीते हैं शराब। शराबबंदी वाला एक और राज्य गुजरात और जम्मू-कश्मीर के पुरुष सबसे कम शराब पीते हैं। हालांकि, पिछले सर्वे के मुकाबले यह जानकारी नहीं मिल पाई है कि क्या शराब पीने वालों की संख्या में कोई बदलाव आया है या नहीं। 2015-16 के सर्वे में 15-49 वर्ष के लोगों का सर्वे किया गया था जबकि नए सर्वे में 15 साल से ऊपर के सभी लोगों को शामिल किया गया है। शराब पीने के मामले में सिक्किम की महिलाएं टॉप पर जहां तक महिलाओं की शराब पीने की बात है तो इसमें उत्तरपूर्वी राज्य सिक्किम की महिलाएं 16.2% आंकड़े के साथ टॉप पर हैं जबकि असम की 7.3 फीसदी महिलाएं शराब पीती हैं और यह राज्य दूसरे नंबर पर है। आश्चर्यजनक बात ये है कि जहां तेलंगाना के पुरुष शराब पीने के मामले में नंबर वन पर हैं वहीं, महिलाएं भी ज्यादा पीछे नहीं हैं और वे इस मामले सूची में तीसरे नंबर पर हैं। सर्वे के अनुसार, गोवा और तेलंगाना को छोड़ दें तो सबसे ज्यादा शराब का सेवन उत्तरपूर्व की महिलाएं कर रही हैं। गांवों में महिलाएं जमकर पीती हैं शराब! गांवों की महिलाएं शहरी महिलाओं की तुलना में जमकर जाम छलकाती हैं। देश के ज्यादातर हिस्सों में यहीं स्थिति है। हालांकि, इसके पीछे ये भी कारण हो सकता है कि गांवों की महिलाओं में शराब पीने के बारे में बताने में हिचक का नहीं होना। वहीं, शहरी महिलाएं में इसे लेकर थोड़ी हिचक थी। शहरी और ग्रामीण पुरुषों में भी शराब पीने में अंतर है लेकिन यह महिलाओं जितना नहीं है। शराब से ज्यादा तंबाकू का सेवन! देश के सभी राज्यों में शराब की तुलना में तंबाकू का सेवन सबसे ज्यादा है। तंबाकू उत्पादों पर इसे खाने के कारण कैंसर के विज्ञापन के बाद भी लोगों में इसकी जबरदस्त लत है। भारत में पहले के सर्वे में भी यह बात निकलकर सामने आई है कि शराब की तुलना में लोग तंबाकू जमकर चबाते हैं। मिजोरम में खूब तंबाकू चबाते हैं लोग उत्तरपूर्वी राज्य मिजोरम में 77.8 फीसदी पुरुष तंबाकू चबाते हैं जबकि 65 प्रतिशत महिलाओं में इसकी लत है। तंबाकू सेवन के मामले में यह राज्य शीर्ष पर है। उत्तरपूर्वी राज्य में महिलाओं और पुरुषों में सबसे ज्यादा तंबाकू का सेवन किया जाता है। सबके कम तंबाकू का सेवन दक्षिणी राज्य केरल में होता है यहां महज 17 प्रतिशत लोग तंबाकू का सेवन करते हैं। गोवा में महज 18 फीसदी पुरुष तंबाकू चबाते हैं। जहां तक महिलाओं के तंबाकू सेवन की बात है तो पहाड़ी राज्य हिमाचल में सबसे कम 1.7 फीसदी महिलाओं तंबाकू क सेवन करती हैं।

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U.S. New York TimesBy Unknown Author Via NYT To WORLD NEWS

U.S. and Pfizer are negotiating a deal for more vaccine doses next year.


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Biden Taps Pete Buttigieg for Transportation Secretary


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Business New York TimesBy BY NICHOLAS KULISH Via NYT To WORLD NEWS

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Opinion New York TimesBy BY SUSAN D. HYDE AND ELIZABETH N. SAUNDERS Via NYT To WORLD NEWS

Leaders in Congress Meet in Search of Spending and Stimulus Deals


U.S. New York TimesBy BY EMILY COCHRANE Via NYT To WORLD NEWS

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Science New York TimesBy BY KATHERINE J. WU Via NYT To WORLD NEWS

Kamala Harris Deserves a More Important Job


Opinion New York TimesBy BY THOMAS L. FRIEDMAN Via NYT To WORLD NEWS

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World New York TimesBy Unknown Author Via NYT To WORLD NEWS

कोविड-19 होम्योपैथी: कोरोना का असर कम सकते हैं डॉक्टर मगर उपचार का दावा नहीं कर सकते: सुप्रीम कोर्ट

नयी दिल्ली सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि होम्यापैथी पद्धति के चिकित्सक कोविड-19 का प्रभाव कम करने और रोग प्रतिरोध के लिये मरीजों को दवा दे सकते हैं लेकिन सिर्फ संस्थागत योग्यता प्राप्त चिकित्सक ही ये दवायें लिखेंगे। शीर्ष अदालत ने कहा कि जब कानूनी विनियम ही विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाते हैं तो होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के चिकित्सकों को यह प्रचारित करने की कोई आवश्यकता नहीं है कि वे कोविड-19 बीमारी का इलाज करने में सक्षम हैं। सुप्रीम कोर्ट का फैसलान्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने अपने फैसले में कहा कि होम्योपैथी के बारे में है कि इसका उपयोग कोविड-19 की रोकथाम और इसे हल्का करने के लिये किया जायेगा और यही आयूष मंत्रालय के परामर्श और दिशा निर्देशों से पता चलता है। आयुष मंत्रालय के आदेशों का हो पालन- सुप्रीम कोर्ट शीर्ष अदालत ने कहा कि होम्यापैथी चिकित्सकों को आयूष मंत्रालय द्वारा छह मार्च को जारी परामर्श और कोविड-19 के बारे में आयूष मंत्रालय के दिशा निर्देशों का पालन करना होगा। पीठ ने कहा कि केरल उच्च न्यायालय ने 21 अगस्त के अपने फैसले में छह मार्च के दिशा निर्देशों को पूरी तरह से नहीं समझा और दिशानिर्देशों पर सीमित दृष्टिकोण अपनाते हुये होम्योपैथी चिकित्सकों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने के बारे में टिप्पणी की जिसे मंजूर नहीं किया जा सकता।