
मोदी अपने को जबरदस्ती पिछड़ा बनाकर जातिवाद का खुलकर राजनीतिक स्वार्थ के लिए इस्तेमाल करते हैं। वे अगर जन्म से पिछड़े होते तो क्या आरएसएस उन्हें कभी भी पीएम बनने देती? via WORLD NEWS The Navbharattimes
पश्चिम बंगाल में इन दिनों ममता बनर्जी बनाम पीएम नरेंद्र मोदी की सियासी लड़ाई चल रही है। इसी के चलते बंगाली की चुनावी तस्वीर में भी इस बार टीएमसी बनाम बीजेपी का मुकाबला है। दोनों की दल अपने-अपने अजेंडे से हिंदू वोटरों को लुभाने का प्रयास कर रहे हैं। एक तरफ मोदी-शाह जय श्रीराम का उद्घोष करके हिंदुत्व के अजेंडे को बनाए हुए हैं और ममता पर मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप लगा रहे हैं, वहीं टीएमसी प्रतिक्रिया में जय बांग्ला और जय मां काली का जाप कर रही है। बीजेपी यहां हिंदुत्व राष्ट्रवाद का कार्ड खेल कर रही है और ममता बंगाली उपराष्ट्रवाद से जवाब दे रही हैं। ठीक उसी तरह, जिस तरह 90 के दशक में लालू प्रसाद यादव बिहारी उपराष्ट्रवाद का अजेंडा लाए थे।